حميد الحراق

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بعد ثلاثين سنة.

بعد ثلاثين سنة،
شاهدتك اليوم فجأة.
نفس الملامح..
نفس الإبتسامة..
ونفس النظرات..
القاتلة.
بعد ثلاثين سنة،
وقع بصري عليك..
فاسترجعت الذاكرة..
بعدما كنت قد فقدتها..
وعشت سنينا، وأعواما..
خارج الدائرة.
بعد ثلاثين سنة،
حاولت أن أرجع الزمن..
شيئا إلى الوراء..
فأسرق منه..
أيامنا الماضية.
بعد ثلاثين سنة،
لم أستطع إعادة تشغيل..
شريط تلك الأغنية..
التي أطربت يوما ما..
مشاعرنا الصادقة..
بألحانها الشجية.
بعد ثلاثين سنة،
أراك أمامي..
تعبرين الطريق صامتة..
أكثر نضجا، وأدبا..
أكثر جمالا، وفتنة.
بعد ثلاثين سنة،
لا زلت كنا عرفتك..
لأول مرة..
نفس الملامح..
نفس الإبتسامة..
ونفس النظرات..
القاتلة.
                                                    حميد الحراق.

حميد الحراق